यदि पसंद है तो हमसफर बनें

Showing posts with label thinking. Show all posts
Showing posts with label thinking. Show all posts

12 May, 2009

समय की पहचान



आसमान में सूरज अपनी
बिना आहट की गती से चलता हुआ,
वहीं, अन्दर कमरे में,
घड़ी की सुईयां आहट करती हुईं,
सन्नाटे को चीरती हुई,
टक...टक...टक...
आसमान से गिरती दूरियों को भेदती
गर्म तबे की लौ,
सुइयां टक...टक...करती हुई
दोनों निरंतर चलते हुए
मार्गदर्शित करते,
समय की पहचान बनाते।

आपका अपना
नीतीश राज