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26 September, 2009

शुभ नवरात्र-मां को करें प्रसन्न-मां महागौरी




या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

आज नवरात्र का आठवां दिन है और आठवें दिन पूजा होती है मां महागौरी की। आठवीं शक्ति का रूप महागौरी जो हरती हैं सभी के कष्ट। मां महागौरी का वर्ण पूर्णत: शंख और चंद्रमा के समान गौर है। इनके समस्त वस्त्र, आभूषण भी सफेद रंग के हैं।

पार्वती रूप में मां ने प्रतिज्ञा ली कि वो भगवान शिव को पति-रूप में पाएंगी।

जन्म कोटि लगि रगर हमारी।
बरऊं संभु न त रहऊं कुंआरी।।

इस के लिए मां पार्वती ने कठोर तपस्या भी की। इस कठोर तप के कारण उनका रंग बिल्कुल काला पड़ गया। भगवान शिव प्रसन्न हुए और गंगा जी के जल से जब पार्वती मां को धोया तब उनका शरीर विद्युत प्रभा के समान अत्यंत गौर हो उठा और तब से महागौरी नाम पड़ा।

महागौरी भी चार भुजाओं वाली हैं। इनके दाहिने ओर का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में है। नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे वाला बायां हाथ वर मुद्रा में है।

महागौरी की पूजा-उपासना करने से धुल जाते हैं सभी पाप।

श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:
महागौरी शुभंदद्यान्महादेव प्रमोददा।।

ये है महागौरी का ध्यान मंत्र।

गौरी मिमाय सलिलानि तक्षेक्पदी द्विपदी सा चतुष्पदी।
अष्टापदी नवपदी बर्भुवूशी स:स्वाक्षरा परमे व्योमन्।।

ये है महागौरी के लिए प्रार्थना मंत्र।

तो नवरात्र के आठवें दिन पूजा होती है महागौरी देवी की।

आपका अपना
नीतीश राज

4 comments:

  1. आपको भी नवरात्र विजयोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाये.

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  2. महागौरी देवी की इस जानकारी के लिए आभार.. शुभ नवरात्रि

    हैपी ब्लॉगिंग

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  3. आप ने मां गॊरी के बारे बता कर बहुत अच्छा किया, कई बातो का हमे पता नही है. आप का धन्यवाद, मां महा गॊरी जी की जय!!

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  4. bahut aachi jaankari ........

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