नवरात्र के छठे दिन पूजा होती है कात्यायनी मां की। सच्चे मन से की जाए मां कात्यायनी की पूजा तो निर्बल भी बलवान हो जाता है और फिर किसी तरह की कमी नहीं रहती। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति प्रदान होती है और दुश्मनों का संहार करने में जो सक्षम होती है। माना जाता है कि मां कात्यायनी का ध्यान गोधुली बेला में करें तो अच्छे फल प्राप्त होते हैं। मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था। मां का वाहन सिंह है। मां की भक्ति पाने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमों नम:।
इस मंत्र के जाप से दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है।
चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानवघातिनी।।
ये माता का ध्यान मंत्र है और मूल मंत्र है
ऊं ह्रां श्रीं क्लीं नम:।।
कात्यायनी देवी का दिन होता है नवरात्र का छठा दिन।
आपका अपना
नीतीश राज
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