यदि पसंद है तो हमसफर बनें

Showing posts with label जज़्बात. Show all posts
Showing posts with label जज़्बात. Show all posts

17 December, 2008

निशान ‘ताज’ की दीवार का



धर्म का ना जात का
हजारों के आघात का
क्यों पनप रहा ये ज़हर
इंसानी जज़्बात का।

करता है छेद लाखों
दिल में मेरे,
जब भी देखता हूं
निशान ‘ताज’ की दीवार का।


आपका अपना
नीतीश राज


(फोटो साभार-गूगल)