यदि पसंद है तो हमसफर बनें

17 July, 2008

स्वागत है आपका


आज से मेरी हर कविता आपको इस ब्लॉग पर पढ़ने को मिलेंगी।
अब से पहले मेरी कविता, आप मेरे वैचारिक ब्लॉग मेरे सपने मेरे अपने में पढ़पाते थे पर अब से इस ब्लॉग पर मेरी कविताएं आप सभी को बोर करेंगी। क्योंकि एक ही समय में दो अलग-अलग ढंग से कोई भी नहीं चाहता बोर होना, मैं भी नहीं चाहता। एक जगह में गद्य-पद्य दोनों हों, आप गए पद्य पढ़ने अच्छा नहीं लगा तो चले गद्य पढ़ने वो भी अच्छा नहीं लगा तो बुरा लगता है। इसलिए आप सभी की सहुलियत के लिए 'बोरनामा' अब दो जगह।

तैयार हो जाइए।
पढ़ने के लिए...
कविताएं अभी बाकीं है...
जाइएगा नहीं...

आपका अपना
नीतीश राज

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