मेरे शब्द हैं मेरी कविता,
मेरी कविता है मेरी रूह,
और शब्दों में पिरो रहा हूं,
अपने और अपने शब्दों की रूह।।
यदि पसंद है तो हमसफर बनें
18 July, 2008
सबसे ख़तरनाक होता है...
(चे ग्वेरा)
सबसे ख़तरनाक होता है, मुर्दा शांति से भर जाना न होना तड़प का सब सहन कर जाना घर से निकलना काम पर और काम से लौटकर घर आना सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना।।
complete poetry of Paash in Hindi, English and Punjabi and much more about Paash is available at my blog on Paash at http://paash.wordpress.com
ReplyDelete