मेरा कोई आज मिला
कुछ इस तरह मुझसे
जैसे,
डूबती नवज मिली हो
जिंदगी से।
कुछ इस तरह मुझसे
जैसे,
डूबती नवज मिली हो
जिंदगी से।
लगता है जैसे
बात कल ही की हो।
उसे मनाने के लिए
जिस्म से पहले
हाथ बढ़ाया,
उस रिश्ते की डोर को
थामने के लिए,
जो कुछ दिन पहले
हाथ से छूट गई थी।
वो भी तो चाहती थी
आगे आकर थाम लूं
उसको अपनी बाहों में।
अकेली गुजारी शामों का
हिसाब दूं।
हर उस पल की बात करूं
जब मैं अकेला था
और,
जब हम साथ थे
ख्वाबों में।
हर उस पल की
बात करूं
जो अकेला था
सिर्फ मेरी तरह
अपने में सिमटा हुआ
उसके आने से पहले।
आपका अपना
नीतीश राज
नीतीश राज
शीर्षक ही बड़ा कातिल है.. बहुत खूब
ReplyDeletehar us pal ki baat karun... sunder rachana
ReplyDeleteहर उस पल की
ReplyDeleteबात करूं
जो अकेला था
सिर्फ मेरी तरह
अपने में सिमटा हुआ
उसके आने से पहले।
"very nice creation, romantic one.liked it"
Regards
sundar kavita!!
ReplyDeleteआज मुझे आप का ब्लॉग देखने का सुअवसर मिला।
ReplyDeleteवाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी
और हमें अच्छी -अच्छी रचनाएं पढ़ने को मिलेंगे
बधाई स्वीकारें।
आप मेरे ब्लॉग पर आए, शुक्रिया.
मुझे आप के अमूल्य सुझावों की ज़रूरत पड़ती रहेगी.
Really i like it and desirous to get your all new creations.
...रवि
http://meri-awaj.blogspot.com/
http://mere-khwabon-me.blogspot.com/
क्या बत हे अति सुन्दर, धन्यवाद
ReplyDeleteसुंदर शब्द....सुंदर भाव...सुंदर रचना....लिखते रहें...बहुत खूब.
ReplyDeleteनीरज
हर उस पल की
ReplyDeleteबात करूं
जो अकेला था
सिर्फ मेरी तरह
अपने में सिमटा हुआ
बहुत खुबसूरत लिखा है आपने
बहुत सुंदर. अद्भुत भाव जिसे कविता में ढालना आसान नहीं.
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत...बहुत उम्दा...वाह!
ReplyDeletersundar khaskar antim char panktiyan behad achchi lagin.
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत...
ReplyDeleteबहुत उम्दा...वाह
मेरा कोई आज मिला
ReplyDeleteकुछ इस तरह मुझसे
जैसे,
डूबती नवज मिली हो
bahut sundar rachana.likhate rahiye. shukriya
achchh likhne ke liye badhai...
ReplyDeleteACHCHHA likhne ke liye BADHAI...
ReplyDeletebahut accha likha hai
ReplyDeleteDear Nitish,
ReplyDeleteIts really nice peace of work in the field of hindi literature & freedom of expression. You have expressed the feeling so well. Keep it up.
R.S. Rawat