रोज ही देखा है मैंने एक ख्वाब
तेरा चेहरा, मेरे चेहरे के पास
उस चेहरे का मेरे चेहरे पे झुका होना
चेहरे पर चेहरा झुका होना।
तेरा चेहरा, मेरे चेहरे के पास
उस चेहरे का मेरे चेहरे पे झुका होना
चेहरे पर चेहरा झुका होना।
वो तुम्हारा धीरे से मुस्कुरा देना
वो तुम्हारा, इतना पास देख मुझे
घबरा जाना, शर्मा जाना,
मेरा पलकों से तेरी आंखें ढक लेना।
वो तुम्हारा, इतना पास देख मुझे
घबरा जाना, शर्मा जाना,
मेरा पलकों से तेरी आंखें ढक लेना।
वो मेरी तेज सांसों का
बार-बार तुम्हारे चेहरे से टकराना,
लेना महक तुम्हारी
लपेटे बाहों में तुम्हें,
और देखना
रोज की तरह ही एक ये ख्वाब।
बार-बार तुम्हारे चेहरे से टकराना,
लेना महक तुम्हारी
लपेटे बाहों में तुम्हें,
और देखना
रोज की तरह ही एक ये ख्वाब।
आपका अपना
नीतीश राज
नीतीश राज
रोज की तरह ही एक ये ख्वाब।
ReplyDeleteअति सुन्दर
धन्यवाद
वो तुम्हारा धीरे से मुस्कुरा देना
ReplyDeleteवो तुम्हारा, इतना पास देख मुझे
घबरा जाना, शर्मा जाना,
मेरा पलकों से तेरी आंखें ढक लेना।
" ek khubsurat khavb , najuk sa pyara sa, mehka sa"
Regards
सुंदर लगा आपका यह ख्वाब .यूँ ही बुनते रहे और लिखते रहे
ReplyDeleteफ़ज़ाओ में रूमानियत भर दी आपने.. बहुत सुंदर
ReplyDeleteवो तुम्हारा धीरे से मुस्कुरा देना
ReplyDeleteवो तुम्हारा, इतना पास देख मुझे
घबरा जाना, शर्मा जाना,
मेरा पलकों से तेरी आंखें ढक लेना।
bahut khoob....
अच्छा लिखा है.... श्रंगार तब और खूबसूरत बन पड़ता है जब उसमें थोड़ी फंतासी के साथ कवि खुद को बहुत करीने से जोड़ जाए। कुछ ऐसा ही आभास थी ये रचना।
ReplyDeleteरूमानी रचना कहूँ तो ग़लत नहीं होगा!
ReplyDeleteवो मेरी तेज सांसों का
ReplyDeleteबार-बार तुम्हारे चेहरे से टकराना,
लेना महक तुम्हारी
लपेटे बाहों में तुम्हें,
और देखना
रोज की तरह ही एक ये ख्वाब।
बहुत खूबसूरत ! शुभकामनाएं !
वो मेरी तेज सांसों का
ReplyDeleteबार-बार तुम्हारे चेहरे से टकराना,
लेना महक तुम्हारी
लपेटे बाहों में तुम्हें,
और देखना
रोज की तरह ही एक ये ख्वाब।बहुत सुन्दर लिखा है। बधाई
वाह, अद्भुत!!
ReplyDeletesundar..
ReplyDeleteachcha likha..
ReplyDeleteनितीश जी धन्यवाद,
ReplyDeleteमेरे ब्लाग पर पधारे आप,
आपका असंतोष सही है,
न आ पाया था आपके ब्लाग पर अभी तक,
आज आ गया हूँ,
अक्सर आया करूंगा,
टिप्पणियां भी करूंगा,
बहुत अच्छी कविता है आपने लिखी.
आप सभी का धन्यवाद
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