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27 August, 2008

'क्या वो सिर्फ एक देह है'?



अक्सर वो अपने से प्रश्न करती,
क्यों, वो कर्कसता को
उलाहनों को, गलतियों को
झिड़की को सहन करती है।

'क्या वो सिर्फ एक देह है'?

जो कि सबकी निगाहों में
अपने पढ़े जाने का,
शरीर के हर अंग को
साढ़ी और ब्लाउज के रंग को
वक्ष के उभार,
उतार-चढ़ाव को
कूल्हों की बनावट को
होठों की रसमयता को
आंखों की चंचलता को,
क्या कोमल गर्भ-गृह का
सिर्फ श्रृंगार है।

जिसे बीज की तैयारी तक
कसी हुई बेल की तरह बढ़ना है,
फिर उसके, जिसको जानती नहीं
अस्तित्व में अकारण खो जाना है,
कोढ़ पर बैठी मक्खी की तरह।


जिस के ऊपर
फुसफुसाहट सुनती
वो नयन-नक्स
वो देह की बनावट
बोझ जो उसका अपना
चाहा हुआ नहीं,
किसी और की दुनिया
के दर्जी की गलत काट के कारण,
उसके सीने पर चढ़ाया गया
अक्सर वो खुद से प्रश्न करती।

'क्या वो सिर्फ एक देह है'?



आपका अपना
नीतीश राज

14 comments:

  1. सवाल का जबाब क्या आया?

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  2. जवाब तो आया, पर उसी ने सुना, किसी को ना बताया।

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  3. सही कहा
    'क्या वो सिर्फ एक देह है'?

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  4. यक्ष प्रश्न है .....

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  5. इस प्रशन का जवाब ..शायद.. अनुतरित !
    ???????

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  6. अनुत्तरित प्रश्न??

    इसी जोहर की एक कविता:

    मैं

    कौन

    हूँ??

    -----

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  7. विलक्षण रचना...एक यक्ष प्रश्न...जिसका उत्तर सदियों से जान बूझ कर नहीं खोजा गया.
    नीरज

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  8. अनूप जी, नीरज जी ने दे दिया जवाब

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  9. is sawaal ka jawaab bilkul saaf hai....nahi wo kewal ek deh nahi hai!ek tez dimaag aur sundar dil ki maalkin hai!ye jawaab un logon ke liye hai jo use sirf ek deh samajhte hain!

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  10. क्या बात हे ???
    धन्यवाद

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  11. 'क्या वो सिर्फ एक देह है'?
    यही त्रासदी है.

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  12. नारी सिर्फ़ देह नही हैं ..यह सवाल और इस का जवाब सिर्फ़ अपनी अपनी सोच पर निर्भर है

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  13. आप सभी का धन्यवाद, रंजना जी का जवाब बिल्कुल सही है और पल्लवी जी आपका जवाब सबसे जुदा। धन्यवाद

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